मथुरा के रचनाकार

कुल: 7

भारतेंदु युगीन कवि। पुरानी परिपाटी के लेखन में सक्रिय होने के साथ-साथ भाषा की नवीन गति के प्रवर्तन में भी भागीदार।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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