वर्धा के रचनाकार

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परंपरागत जल स्रोतों के पुनरुद्धार और जल-संरक्षण के लिए चर्चित। 'आज भी खरे हैं तालाब' प्रसिद्ध कृति। 'गाँधी मार्ग' पत्रिका के संस्थापक-संपादक। गांधीवादी पर्यावरणविद्।

सुपरिचित मराठी कवि और ललित-निबंधकार। व्यक्तिचित्र लेखन में भी योगदान।

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