Font by Mehr Nastaliq Web

श्रद्धांजलि

shraddhanjali

कामिनी

अन्य

अन्य

कामिनी

श्रद्धांजलि

कामिनी

और अधिककामिनी

    हम नहि देब

    कवि कोकिल विद्यापति केँ

    श्रद्धांजलि

    चाहे अहाँ नीक बुझी वा खराब

    अथवा दी हमरा स्वार्थीक पदवी

    मुदा हम श्रद्धांजलि नहि देब

    हम बुझैत छी

    जीबैत छथि

    हमरा सबहक बीच

    हमरा गाम मे

    आस-पास/दूर धरि

    पुरना पीहन पर/पसेना सँ तर

    जाँत घीचैत

    मैंया गबैत छथि लगनी

    विद्यापतिक नाम लैत अन्त मे

    पोछि लैत छथि माथक घाम

    अपनहि आँचर सँ

    उखरल सतरंजी पर/करौट घुमैत बाबा

    गबैत छथि पराती/बाँसक मचान पर

    आमक डारि सँ निकलैत

    मन्द-मन्द वासंती हवा

    हुनकर ठोर छुबि कऽ चलि जाइत अछि

    की विद्यापतिक गीत गबैत छथि?

    माथ पर चंगेरा मे भरल सामा

    हाथ मे डिबिया लेने

    बिदा होइत अछि कार्तिक मे

    गामक चौबटिया पर

    अपन संगी सहेलीक संग

    बटगबनी गबैत

    'ऊँच पोखरि नीच घाट छल

    राधा गेली हेराई

    बाटहि ठाढ़ राजा कृष्ण छल रे

    राधा गेली डेराई'

    तऽ बुझना जाइत अछि

    अपन राधाक संग

    मूर्त रूप मे साकार भेल

    नाचि रहल छथि

    धवल इजोरिया मे

    कोनो चुगलाक मुँह झरकबैत

    कोनो वृन्दावनक आगि मिझबैत

    शरद चन्द्रमाक/ओस सँ पोहपीत

    हमरा गामक दूभि पर

    माइक गरदनि पकड़ि कऽ

    कनैत बेटी/जखन विदा होइत अछि सासुर

    आइ-माइक कण्ठ सँ निकलैत

    समदाउन

    पाथरो केँ पसिझा दैत अछि

    अपना केँ पुरुषक दम्भ मे नुकौने

    बापो केँ कना दैत अछि

    मधुमासक मिठास भरल

    चैताबर गबैत

    जखन विदा होइत अछि

    नवविवाहिता

    कतेक कोइली केँ

    सुनय पड़ैत छै गीत/लजा कऽ

    कोनो मज्जर सँ भरल

    आमक ठाढ़िक अढ़ मे

    भादबक भयंकर राति मे

    राधाक विरह सँ व्यथित

    कतेक नायिका

    अपन घनश्याम लेल

    तड़पैत रहैत अछि

    छिटकैत बिजली

    गरजैत मेघक बीच असगरे—

    'कन्त पाहुन काम दारुन

    सघन खरसर हन्तिया'

    कतेक श्याम यमुनाक घाट पर

    विद्यापतिक गीत गबैत

    करैत अछि राधाक प्रतीक्षा

    हम कोना दी

    हुनका श्रद्धांजलि

    जीबैत छथि

    हमरा सबहक बीच

    प्रति पल, प्रति क्षण

    हमरा सबहक कण्ठ मे

    जीवन मे, साँस मे

    स्रोत :
    • पुस्तक : समयसँ संवाद करैत (पृष्ठ 68)
    • रचनाकार : कामिनी
    • प्रकाशन : स्मृति प्रिंटर्स एण्ड पब्लिशर्स
    • संस्करण : 2008

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY