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सवाल

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मधु सिंह

अन्य

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मधु सिंह

सवाल

मधु सिंह

और अधिकमधु सिंह

    बूँद-बूँद

    क़तरा-क़तरा

    कुछ रक्त जैसा

    बहता हुआ

    वह द्रव्य पदार्थ

    पाइप के जरिए

    जा रहा था

    माँस हाड़ की बनी

    उस देह में

    जिसमें बसती है

    एक बेटी

    एक बहन

    एक पत्नी

    एक माँ

    और एक औरत

    उस देह में

    बसता है दर्द भी

    जिसे वह सबसे छुपाए

    करती है दिनभर का काम

    उस औरत के दर्द में छिपा है

    एनीमिया

    थाइराइड

    कैल्शियम की कमी

    और जाने क्या क्या

    ख़ामोशी से वह सहती है सब

    इसलिए

    दुनिया कहती है

    ये तो आम बात है

    औरतों में

    दर्द और शर्म तो

    औरत का गहना होता है

    जिसे ज़िदंगी भर

    ऐसे ही

    पहने रखना है

    खोखले रिश्तों को

    दिल से निभा रही है वह

    सब के होते हुए भी

    वह नहीं है

    किसी की

    वह बस है

    उस दर्द की

    और दर्द उसका

    जो रहता है साथ-साथ

    वैसे ही जैसे

    स्लाइन की चढ़ती

    आख़िरी बोतल

    और अस्पताल में लेटी हर एक औरत

    वह औरत जो ग्रस्त है

    एनीमिया से और

    अपनों से भी

    उस औरत की डंका बजती है

    रसोई में

    खेत में

    कारख़ाने में और बिस्तर पर

    उसके सवालों में नहीं

    स्रोत :
    • रचनाकार : मधु सिंह
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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