पवित्रता

Pavitrata

धीरेंद्र 'धवल'

धीरेंद्र 'धवल'

पवित्रता

धीरेंद्र 'धवल'

और अधिकधीरेंद्र 'धवल'

    साध्य का बोलबाला जब बढ़ता है

    तो साधन की पवित्रता खो जाती है

    सम्मान-समारोहों में सम्मान की पात्रता ही

    सम्मानित होने की कसौटी हो चली है

    यह जाने बग़ैर कि

    सम्मान की पात्रता हासिल करने की प्रक्रिया

    सम्मानित व्यक्ति के लिए कैसी रही

    यह जानना ज़रूरी ही नहीं समझा गया

    सम्मानित व्यक्ति की पात्रता प्रक्रिया

    कितनी अशोभनीय, अमानवीय और अराजक रही

    वह भेद मुश्किल है जानना

    पीएचडी की उपाधि धारित करने वाला

    लिखा लाया होगा कहीं और से पीएचडी

    नहीं ख़रीद लिया होगा किसी का मानस और श्रम

    नहीं तो चुरा लिया होगा पीएचडी ही किसी और की

    सरकारी सेवक और पदधारक के नाम पर

    जिसे किया जा रहा है सम्मानित

    उसके बारे में

    उस सवाल को अनसुना कर दिया गया

    जब कहा गया

    नौकरी की पर्ची लहरा रहा सम्मानित नौजवान

    कहीं ख़रीदा तो नहीं आयोग का कोई पुर्ज़ा

    मसलन सचिव, सदस्य या क्लर्क

    कुछ नहीं तो प्रश्नपत्र ही सही

    यह ध्यान ही नहीं रहा

    आरक्षित वर्ग में नौकरी पाने की पात्रता

    कहीं झूठे आधार पर प्रमाणित तो नहीं हुई

    पद की महिमा को ठसक से सीने से लगाए

    पदधारक मेहमानों की अगवानी में

    भुला दी गई उनकी हरकतें

    कि जब वो पद लोलुप बने थे

    पार कर दीं थीं लघुता की सारी सीमाएँ

    झुकने और गिरने का फ़र्क़ मिटा दिए थे

    स्रोत :
    • रचनाकार : धीरेंद्र 'धवल'
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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