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पानी

pani

अनुवाद : रमेश कौशिक

क्या यह पानी है

जी हाँ

यह पानी है

हमको इसमें कोई संदेह नहीं है

पानी के नियमों का यह पालन करता

बूँदों में झरता है

बहता है

प्रांजलता-पावनता की सारी जाँचों पर

खरा उतरता है

लेकिन क्या

यह प्यास मिटा सकता है

कपड़े धो सकता है

इसको चाव नहीं है किंचित्

अपने कूलों को दुलराए

लहरों की कल-कल से या नरकुल से

इसके गहरे अंतराल में

नहीं चमकती रजत मछलियाँ

लहराती घास सिवार नहीं है

इसके विस्तृत तट के ऊपर

पंछी गाते गीत नहीं हैं

और रोया विलो कभी है

क्या यह पानी है

जी हाँ

यह पानी है

सिद्ध हो चुका है यह

सारे ही नियमों से

यद्यपि इसमें लहर उठती

और स्पन्दन है

वैसे इस एच 2 में

सब कुछ वही मिलेगा जो पानी में

अतिरिक्त एक जीवन के।

स्रोत :
  • पुस्तक : एक सौ एक सोवियत कविताएँ (पृष्ठ 157)
  • रचनाकार : लियोनिद मार्त्यनोव
  • प्रकाशन : नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
  • संस्करण : 1975

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