नीरो
niro
लेबनान को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो1 के दिमाग़ में?
उसकी आँखें चमकती हुई दीवानावार, और उसकी चाल जैसे शादी
के जश्न में कोई नाच रहा हो। यह दीवानगी मेरी दीवानगी है,
मुझे बख़ूबी पता है, लिहाज़ा जलाने दो उन्हें उस सब कुछ को
जो हमारी पकड़ से परे है। और बच्चों को सीखनी होगी तमीज़,
बंद करना होगा चीख़ना-चिल्लाना मेरी रियाज़ के दौरान।
और इराक़ को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो के दिमाग़ में?
क्या वह ख़ुश है जंगल की तारीख़ में दबी यादों के उभरने से,
जिसमें उसका नाम हम्मुराबी2 और गिलगमेश3
और अबू नुआस के दुश्मन के बतौर दर्ज है?
मेरा क़ानूनो काइदा सभी क़ानूनो काइदा की माँ है।
दाइयी (नित्य) ज़िंदगी का फूल हमारे मैदानों में खिलता है,
और शाइरी... उसके क्या मा'नी?
और फ़िलिस्तीन को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो के दिमाग़ में?
क्या उसे इस बात की ख़ुशी है कि उसका नाम पैग़ंबरों की फ़िहरिस्त में
एक पैग़ंबर के बतौर दर्ज है, जिस पर पहले किसी ने यक़ीन नहीं किया
ख़ूनी पैग़ंबर के बतौर, जिसे ख़ुदा ने आसमानी किताबों में बेतादाद ग़लतियों
को दुरुस्त करने के साथ तैनात किया : मैं भी मुकर्रर हूँ खु़दा की तरफ़ से।
और दुनिया को जलते देखते क्या चल रहा है नीरो के दिमाग़ में?
मैं रोज़े-हश4 का मालिक हूँ। ...फिर वह हुक्म देता है : कैमरा बंद करो!
—वह नहीं चाहता कि इस अमरीकी मूवी के अख़ीर में,
कोई देखे कि उसकी उँगलियाँ जलती हुई आग पर हैं।
- पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 334)
- संपादक : वंशी माहेश्वरी
- रचनाकार : कवि के साथ अनुवादक सुरेश सलिल, कैथराइन कोहैम
- प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
- संस्करण : 2020
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