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मिथिला-वन्दना

mithila vandna

हरिमोहन झा

अन्य

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हरिमोहन झा

मिथिला-वन्दना

हरिमोहन झा

और अधिकहरिमोहन झा

    कपिल गौतमक पुण्यभूमि

    अति पावन तीर्थस्थान हमर

    मंडन उदयन वाचस्पति

    गंगेश सदृश विद्वान हमर

    पूजा निष्ठा कर्मकांड

    मीमांसा न्यायक ज्ञान हमर

    सात्विक विचार कोमल भाषा

    आचार सौम्य थिक मान हमर

    राधा-कृष्णक शिव-पार्वतीक

    भक्तिक अपूर्व आख्यान हमर

    मुग्धा कन्या केर दिव्य रूप

    दुर्गा केर मूर्ति समान हमर

    जनक नन्दिनी सीता सन

    बेटी अनुपम वरदान हमर

    अभ्यागत! आऊ देखू

    सत्कार स्नेह सम्मान हमर

    हरियर पुरैनि पर अति पवित्र

    चूड़ा-दहीक जलपान हमर

    मधुर अमौट मखान हमर

    सीकी केर सुकुमार कला

    टकुरी केर शिल्प-वितान हमर

    अरिपन पीढ़ी भित्ति-चित्रमे

    यंत्रक गूढ़ विधान हमर

    रस अलंकार वाणी- विनोद

    सूक्ष्म व्यंग्य परिहास हमर

    शास्त्रार्थक अद्भुत चमत्कार

    प्रतिभा केर अवदान हमर

    कोमल पदावली सरस मधुर

    कवि कोकिल केर कलगान हमर

    शतशत सहस्र कण्ठें निःसृत

    जय जय भैरवि केर तान हमर

    स्रोत :
    • पुस्तक : हरिमोहन झा रचनावली खण्ड-4 (पृष्ठ 96)
    • रचनाकार : हरिमोहन झा
    • प्रकाशन : जनसीदन प्रकाशन
    • संस्करण : 1999

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