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मैं तुम्हारे साथ सोना चाहती हूँ

main tumhare saath sona chahti hoon

अनुवाद : अखिलेश सिंह

जॉयस मन्सूर

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जॉयस मन्सूर

मैं तुम्हारे साथ सोना चाहती हूँ

जॉयस मन्सूर

और अधिकजॉयस मन्सूर

    मैं तुम्हारे साथ सोना चाहती हूँ

    कुहनी से कुहनी फँसाकर

    बालों को उलझाकर

    यौनांगों को गुत्थमगुत्था कर

    तुम्हारे मुख को अपना तकिया बनाकर

    मैं तुम्हारे साथ बार-बार सोना चाहती हूँ

    हमें अलगा सकें उन साँसों के भी बिना

    हमें भटका सकें उन शब्दों के भी बिना

    झूठ कहती हैं जो उन आँखों के बिना

    वस्त्रों के बिना

    मैं तुम्हारी छाती से छाती लगाकर सोना चाहती हूँ

    अकड़ते हुए

    पसीने से तर-ब-तर

    सिहरती देह की दीप्ति में

    उन्मुक्त जंगली आनंद में जड़ीभूत होकर

    तुम्हारी परछाईं में ढकी हुई

    तुम्हारे जिह्वाघात से होकर चूर-चूर

    और मरना चाहती हूँ

    एक खरहे के विगलित दाँतों के बीच

    होकर तृप्त।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सदानीरा पत्रिका
    • संपादक : अविनाश मिश्र
    • रचनाकार : जॉयस मन्सूर

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