Font by Mehr Nastaliq Web

मैं कागज़ का रावण

main kagaz ka rawan

अनुवाद : हुकुमचंद राजपाल

जसबीर सिंह आहलूवालिया

अन्य

अन्य

जसबीर सिंह आहलूवालिया

मैं कागज़ का रावण

जसबीर सिंह आहलूवालिया

और अधिकजसबीर सिंह आहलूवालिया

    तारें की यह झिलमिल-झिलमिल

    बाज़ारों की चहल-पहल

    और मित्रों की सुशोभित महफ़िल

    यह डाकू मेरी पूँजी तक आँख झपकते में चुरा ले जाते

    अपना आप बचाने हेतु

    मन की आदम गुफ़ा के अंदर

    दृढ़ हार में लह जाता हूँ

    ‘आदम बो आदम बो’ करता

    किसी भूत-प्रेत की परछाई जैसे

    मन की आदम गुफ़ा के अंदर

    साँस रोककर मैं बैठ जाता हूँ

    जैसे कबूतर बिल्ली आगे

    आदम गुफ़ा की दुनिया अंदर

    स्वप्न मेरे अंग-संग

    अहं मेरी बात करे

    ये भरे हामी समझ इशारा

    बात बुझारत खोलकर गाँठ

    मेरे क्यों का उत्तर दे तू :

    किसी रेल दुर्घटना अंदर

    कीमा-कीमा कटे मुसाफ़िर

    मोटे अक्षरों की सूची अंदर

    क्यों अपने की संभल करूँ मैं

    जुड़ी भीड़ की आँखों के आगे

    क्यों साइकिल करतब दिखाऊँ मैं

    पहिए सरीखा घूम जाऊँ मैं

    या फिर कहीं कुंभ के मेले

    हर की सीढ़ी से फिसल जाऊँ मैं

    डूब-डूब मरूँ और मर-मर डूबूँ

    मौत मेरी पड़तालें भोगे

    क्यो हर सीढ़ी फिसल जाऊँ मैं

    आत्मघात की इच्छा,

    यार मेरे यह उत्तर तेरा

    अहं को यह ठेस पहुँचाता

    मेरे क्यों का उत्तर दो

    या फिर मुझे नौ नवरात्रों की लीला बाद

    दशम दशहरे की भीड़ के आगे

    काले मेरे कपड़े पहनकर

    टखनों तक ज़मीन में गड़े

    ताकि जो मैं काग़ज़ का रावण

    सदा-सदा के लिए अमर हो जाऊँ

    संभलकर रखना अहंकार तक

    सदियों की मैं झोली पाऊँ

    मेरी क्यों का उत्तर देना

    या फिर मुझे रंगमंच पर

    टखनों तक ज़मीन में गाड़ो।

    स्रोत :
    • पुस्तक : मेरी प्रतिनिधि कविताएँ (पृष्ठ 30)
    • रचनाकार : जसबीर सिंह आहलूवालिया
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 2002

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY