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मैं कभी मृत्यु पर नहीं हँसता हूँ

main kabhi mrityu par nahin hansta hoon

अनुवाद : आग्नेय

हावियर हिरॉद

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हावियर हिरॉद

मैं कभी मृत्यु पर नहीं हँसता हूँ

हावियर हिरॉद

और अधिकहावियर हिरॉद

    मैं कभी

    मृत्यु पर नहीं हँसता हूँ

    बस, आसानी से यह हो जाता है

    मैं दरख़्तों और परिंदों के बीच

    मर जाने से भयभीत नहीं होता हूँ

    मैं कभी मृत्यु पर नहीं हँसता हूँ

    लेकिन कभी-कभार मैं इतना प्यासा हो जाता हूँ

    मैं जीवन से कुछ माँग लेता हूँ

    कभी मैं प्यासा होता हूँ तो पूछने लगता हूँ

    प्रश्न प्रतिदिन

    होता है यह

    मुझे कोई उत्तर नहीं मिलता

    सिर्फ़ और एक कृष्णवर्णी गहन हँसी

    मेरे उदर में कुलबुलाती है

    जैसे मैंने कहा, मेरी यह आदत नहीं है

    मैं मृत्यु पर हँसूँ, तब भी

    मैं उसका सफ़ेद चेहरा और

    उसके सफ़ेद लिबास को जानता हूँ

    मैं मृत्यु पर नहीं हँसता हूँ, तब भी

    मैं उसके सफ़ेद घर को जानता हूँ

    मैं उसके सफ़ेद लिबास को जानता हूँ

    मैं उसकी आर्द्रता, उसकी निस्तब्धता को जानता हूँ

    दरअसल, यह सच है

    अब तक मृत्यु मुझसे मिलने नहीं आई

    इसलिए आप लोग मुझसे पूछ सकते हैं

    इस प्रकरण में क्या मैं सचमुच कुछ जानता हूँ

    मैं कुछ भी नहीं जानता हूँ

    और यह सच भी है

    तब भी मैं जानता हूँ, जब वह आएगी

    कर रहा होऊँगा मैं उसकी प्रतीक्षा

    मैं पैदल उसकी प्रतीक्षा कर रहा होऊँगा या

    शायद जब मैं सुबह का नाश्ता कर रहा होऊँगा

    मैं सपाटता से उसकी तरफ़ देखूँगा

    वह मुझे भयभीत नहीं कर सकती

    क्योंकि मैं कभी उसके लिबास पर नहीं हँसा

    मैं उसके साथ-साथ चला जाऊँगा

    बिल्कुल अकेला, अकेला ही।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सदानीरा पत्रिका
    • संपादक : अविनाश मिश्र
    • रचनाकार : हावियर हिरॉद

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