मैन बूब्स

main boobs

ज़ुबैर सैफ़ी

ज़ुबैर सैफ़ी

मैन बूब्स

ज़ुबैर सैफ़ी

और अधिकज़ुबैर सैफ़ी

    मेरे सीने पर गोश्त की दो गोल बोटियाँ उग आईं थीं ना जाने कब शायद पिछले बरस,

    जब-जब दोस्त याद दिलाते तो ज़िक्र करते कि मेरा सीना औरतों जैसा है,

    मेरे सीने पर चर्बी लटक आई है!

    वे तंज़ करते और छूकर देखने की कोशिशें करते,

    अपनी अपनी बीवियों और प्रेमिकाओं का सीना,

    उन्हें मेरे सीने पर दिखता था,

    वे कहते थे, इन पर मुँह लगा ले तो कोई छोटा बच्चा, जो रोता हो चुप हो जाए' और हँसते थे

    वे भूल जाते थे कि दूध पिलाने वालों का क़र्ज़ कौन उतार सकता है,

    वे भूल जाते थे कि उनकी माँओं ने किचन में पल्ला फैलाए

    जेठों और ससुरों से छिपकर उनके मुँह में दूध धरा था,

    वे जुर्म समझते थे दूध पिलाने को!

    वे भूल जाते थे कि जैकी श्रॉफ़ दूध के क़र्ज़ में मर गया था,

    मैं अपने उभरे सीने को बिस्तर पर जाता तो छूता और पूछता था,

    कि भला मिरे सीने पे इक तरफ़ एडम और दूजी तरफ़ ईव तो नहीं,

    जिन्हें नहीं मिल सकता था हेवेन,

    मैं सोचता था अपने सीने से उन बेक़ुसूर चीज़ों को काट देने का,

    करवट लेता तो उभरे हुए हिस्से भी पलटते थे!

    मैं अपनी चाहत के सीने को याद करता था,

    जो बे-जुर्म था और हर शफ़्फ़ाफ़ नफ़रत से पाक,

    दुआओं का तराज़ू था!

    मेरे अपने सीने पर टी-शर्ट के नीचे,

    अब भी दो छोटे गोले हैं,

    जो छोटी बच्चियों के सीने की सबाहत से मेल खाते हैं,

    मेरा सीना देखकर लोगों को औरत याद आती है,

    तो आज साबित होता है तुम्हारे सामने, ये ऐलान होता है

    मेरे अंदर भी एक औरत है!

    तुम्हारी माँ, तुम्हारी बहन और प्रेमिका जैसी,

    जिनके सीने पर स्तन हैं!

    स्रोत :
    • रचनाकार : ज़ुबैर सैफ़ी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए