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जब रविवार को बरसात होती है

jab ravivar ko barsat hoti hai

अनुवाद : सरिता शर्मा

व्लादिमीर होलन

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व्लादिमीर होलन

जब रविवार को बरसात होती है

व्लादिमीर होलन

और अधिकव्लादिमीर होलन

    जब रविवार को बरसात होती है और आप अकेले होते हैं,

    दुनिया के ख़तरे के सामने होते हैं लेकिन कोई चोर नहीं आता है

    और तो शराबी, ही दुश्मन दरवाज़े पर दस्तक देता है

    जब रविवार को बरसात होती है और आप परित्यक्त होते हैं,

    और शरीर के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते

    या आप जी नहीं रहे होते, क्योंकि वह आपके पास है।

    जब रविवार को बरसात होती है और आप अपने दम पर हैं,

    ख़ुद से बात करने की नहीं सोच रहे हैं।

    तो कोई दूत है जो जानता है, और जो सिर्फ़ ऊपर है,

    तो वह शैतान है जिसे पता है, और सिर्फ़ नीचे है।

    किताब हाथ में है, कविता लिखी जाने वाली है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : विश्व की श्रेष्ठ कविताएँ (पृष्ठ 65)
    • रचनाकार : व्लादिमीर होलन
    • प्रकाशन : इंडिया टेलिंग
    • संस्करण : 2020

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