Font by Mehr Nastaliq Web

इसी तरह चलता है

isi tarah chalta hai

अनुवाद : सुरेश सलिल

नाज़िम हिकमत

अन्य

अन्य

नाज़िम हिकमत

इसी तरह चलता है

नाज़िम हिकमत

और अधिकनाज़िम हिकमत

    फैलती हुई रोशनी के बीच हूँ मैं

    हाथ मेरे हौसले से भरे हुए,

    ख़ूबसूरत कायनात।

    रुक नहीं सकता मेरा दरख़्तों को निहारना :

    इतने उम्मीद भरे वे हैं

    इतने हरे।

    धूपीली पगडंडी एक

    शहतूतों के उस पार तक पसरी हुई

    जेल-अस्पताल के रौशनदान पर खड़ा हूँ मैं

    फटक नहीं सकती अब

    दवाओं की गंध नथुनों तक मेरे :

    कहीं खिले होंगे फूल कार्नेशन के।

    इसी तरह चलता है यहाँ सब कुछ, दोस्त!

    गिरफ़्तार हो जाना समस्या नहीं है

    समस्या है; बचें कैसे

    हथियार डाल देने से।

    स्रोत :
    • पुस्तक : देखेंगे उजले दिन (पृष्ठ 126)
    • रचनाकार : नाज़िम हिकमत
    • प्रकाशन : मेघा बुक्स
    • संस्करण : 2003

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY