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इस हत्यारे समय में

is hatyare samay mein

अरविंद यादव

अरविंद यादव

इस हत्यारे समय में

अरविंद यादव

और अधिकअरविंद यादव

    उन्हें आता देख भाग खड़ी होती हैं सड़कें

    भाग खड़े होते हैं वे चौराहे

    जहाँ रहते हैं मुस्तैद क़ानून के लंबे हाथ

    उन्हें आता देख गिरने लगते हैं औंधे मुँह

    एकाएक घबराकर  

    सीना ताने खड़े शटर

    दौड़ पड़ती हैं नंगे पाँव

    चबूतरे पर बैठी गलियाँ

    होकर सीढ़ियों की पीठ पर सवार

    छिपने को छत की गोद में

    वे जब बोलते हैं 

    तो बंद हो जाते हैं बोलना

    लोहार के हथौड़े

    बंद हो जाते हैं चिल्लाना

    सब्ज़ियों और फलों के ठेले

    इतना ही नहीं बंद हो जाता है धड़कना

    अचानक धड़कते शहर का हृदय

    वे घूमते हैं छुट्टे साँड़ की तरह

    एक गली से दूसरी गली

    करते हुए सरेआम नुमाइश अस्त्रों की

    ताकि जन्म से ही पहले कुचल सकें

    उन संभावनाओं को

    जिनसे पैदा हो सकता है प्रतिरोध

    खोलकर किसी घर का दरवाज़ा

    उनके आने से

    धीरे-धीरे लाल होने लगती है धरती

    धीरे-धीरे आग में नहाने लगते हैं घर

    धीरे-धीरे घबराकर कूदने लगते हैं खिड़कियों से

    बसों और कारों के शीशे

    और धीरे-धीरे थमने लगती हैं

    दौड़ती हुई साँसें

    तड़प-तड़पकर

    वे दे जाते हैं जाने कितने ज़ख़्म

    वे फैला जाते हैं जाने कितनी नफ़रत

    जिसे भरने के लिए सूरज

    जाने कितनी बार

    फैलाता है अपने हाथ

    धरती जाने कितनी बार

    काटती है चक्कर

    बादल जाने कितनी बार

    बरसते हैं झमझमाकर

    और जाने कितनी बार, 

    थक हार, खूटियों से लटक

    आत्म हत्या कर लेते हैं कलैंडर

    ठीक उसी समय जब सारा शहर मना रहा था मातम

    कराह रहीं थीं शहर की गलियाँ और सड़कें

    वे मना रहे थे जश्न

    आलीशान होटल के कमरे में

    मेज़ पर खड़ी बोतल को घेर

    टकराते हुए जाम

    वे उड़ा रहे थे बेख़ौफ़

    कश के साथ धुएँ के छल्ले

    उँगलियों के बीच मुट्ठी में फँसी ख़ाकी और खादी को

    करते हुए अस्तित्वहीन

    अब जब कि इस हत्यारे समय में

    कितना मुश्किल है बच पाना

    उन हत्यारी नज़रों से 

    जिनके सामने नतमस्तक हैं सिंहासन

    ऐसे भयावह समय में भी

    कविता कर रही है जद्दोजहद

    बचाने को यह सुंदर संसार

    इन हत्यारी नज़रों से।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अरविंद यादव
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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