इस दीवाल की व्याख्या करनी है

is diwal ki wyakhya karni hai

सुदीप बनर्जी

सुदीप बनर्जी

इस दीवाल की व्याख्या करनी है

सुदीप बनर्जी

और अधिकसुदीप बनर्जी

    इस दीवाल की व्याख्या करनी है

    यह पूरब से पश्चिम तक दीवाल है

    इस पर चूना पुता है

    इसमें खिड़की नहीं है और यह कहना भी

    असंगत होगा कि यह चीन की दीवाल नहीं है

    पर इस दीवाल का प्रसंग और संदर्भ क्या है

    यह कमरा? यह कमान? यह शहर?

    यह मैं? मेरा परिवार? मेरा पड़ोस

    इस सबके प्रसंगों और संदर्भों में दीवाल की

    अपनी ज़रूरत और अपना रवैया है ׃

    पर दीवाल ख़ुद के प्रसंग में क्या है

    इस दीवाल की व्याख्या करनी है

    पर इस दीवाल पर कुछ नहीं लिखा है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्रतिनिधि कविताएँ (पृष्ठ 23)
    • रचनाकार : सुदीप बॅनर्जी
    • प्रकाशन : मेधा बुक्स
    • संस्करण : 2005

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