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हम स्त्री छी

hum stri chhi

कामिनी

अन्य

अन्य

कामिनी

हम स्त्री छी

कामिनी

और अधिककामिनी

    हम स्त्री छी

    एहि धरती/एहि सृष्टिक निर्मात्री

    जकरा कोखिमे पलैत अछि मनु

    जकरा कोखिसँ निकलैत अछि शतरूपा

    जकरा कोखिमे पलैत अछि

    सहस्रो सहस्र जीव

    जकर ने आदि छै ने अन्त

    हम स्त्री छी

    सम्पूर्ण रूपसँ सुन्दर

    सम्पूर्ण रूपसँ मोहक

    सम्पूर्ण रूपसँ परिपूर्ण

    जे चाहय तऽ अपना भृकुटिपर

    सृष्टिकेँ नचा सकैए

    जे चाहय तऽ पलमे

    परलय मचा सकैए

    हम स्त्री छी

    ममतामयी माइक आँचर

    जे स्नेह भरल आँखिसँ

    अपना शिशुकेँ देखैत अछि

    अपना छातीक दूध पिया

    ओकरा जीवनकेँ सींचैत अछि

    हम स्त्री छी

    सम्पूर्ण बाधा/सम्पूर्ण विपत्तिक समक्ष 'अडिग'

    बाँहिमे ताकत

    छातीमे

    परती परहक फूल/कामिनी/1

    साहस लेने ठाढजकरा कियो हरा नहि सकैत अछि

    कोनो युद्ध/कोनो मैदानमे

    हम स्त्री छी

    मोमक गुड़िया नहि

    जे आगि देखिते पघिल जैत

    कोनो निरीह जीव नहि

    जे लोकक मान देलासँ मानित

    लोकक अपमान केलासँ

    अपमानित हैत

    हम स्त्री छी

    रस्ता परहक लजौनी नहि

    जे स्पर्श पबितहि लजा जाइत अछि

    पैर लगितहि झुकि जाइत अछि

    हम स्त्री छी

    जकरा नहि छैक जरूरत

    ककरो सहयोगक

    कोनो आरक्षणक

    आगू बढ़बाक लेल

    सम्मान भरल जीवन जीबाक लेल

    किएक तऽ हम स्त्री छी।

    स्रोत :
    • पुस्तक : परती परहक फूल (पृष्ठ 1)
    • रचनाकार : कामिनी
    • प्रकाशन : शेखर प्रकाशन
    • संस्करण : 2013

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