Font by Mehr Nastaliq Web

हमर सेहन्ता

hamar sehanta

अंशुमान सत्यकेतु

अन्य

अन्य

अंशुमान सत्यकेतु

हमर सेहन्ता

अंशुमान सत्यकेतु

और अधिकअंशुमान सत्यकेतु

    1.

    दाड़िमक फाँक जकाँ ओलरल

    मोनक दोगमे सोन्हियायल

    कछमछाइत भू-धर फोड़ि

    बाहर निकसैक लेल

    2.

    बाँझीक झोंझमे ओझरायल

    पीयर दह-दह जर्दाक महमहीपर आसक्त

    अप्पन माटि छुबैत

    राढ़ि-ठाढ़ि केर हिड़लापर मस्त

    खरहोरिक दोगमे नुकायल

    सूत सन धारिक पानिमे चुभकैत

    बिलटा-मदनाक हकारिमे

    बोहिया रहल

    3.

    धुसरी चाउरक उसना भातक बास

    छल्हियायल माँड़क स्वाद

    हुरहुरसँ छौंकल कुरथीक पानि

    अपैत रहित बनेबाक उपक्रममे

    सोन्हगर गमकैत चूल्हाक उझकुन

    अभावग्रस्त परिवारक घोंघाउज

    पखुआ बीच दबल ओलक खिच्चा पात

    ताहि मध्यसँ निःसृत

    बाल-प्राफुल्लक संगीत

    सभ बहटारि रहल

    माँझ दुपहरिया करजनीक खोजमे

    बोने-झाँखुरे बौआ रहल

    पेटारीसँ सूइ चोरा

    मालामे बान्हि रहल

    4.

    बस्ता फेक बेरहटक केलक अनघोल

    निकलल कोढ़िया-जनपिट्टाक आखरमे

    दुबकल मायक अह्लाद

    ससरल ममताक डोर

    दहलेजमे खरामक खट-खटपर

    नहुँयेसँ खसल नूआक कोर

    अबितहि पौत्रक संग झगड़ा

    पूरा होउन चाहक तीव्र बेगरता

    5.

    घोघाबद्ध ठिठुरैत समाजक विज्ञता

    कुनबा पुरुषक कथ-अकथ

    सरैलीक फाँसमे ओझरायल

    जीवन श्वासक सत्यतामे

    लहासकेँ मोसिया रहल

    6.

    सम्बन्धक ओलतीमे ठाढ़

    अछि जीबाक विवशता

    बनल लतमारा

    चकरी मारने फुफकारि रहल

    जीतैत हारि सजा रहल

    समयक मार-सम्हारमे

    परोन्नतिक डाहमे मातल

    अव्यक्त दुविधा केर संचारमे

    निज परिजनक साँगह उजाड़ि रहल

    7.

    सुखायल साँसक गरमाइत हुकहुकी

    पझायल जिनगीक अंतिम ठोहिपर

    मारि रहल कछेरेमे डुम्मी

    रुपातील कार्य

    कलायल जठराग्निक दाहमे

    सेरायल संवेदनाक उभारमे

    बौआइत

    मोनक रंगीन

    अजन्ताक भित्ति-चित्रमे

    प्राच्य-संस्कृति केर शुचिता

    चिर-संचित हमर सेहन्ता।

    स्रोत :
    • पुस्तक : एखन धरि (पृष्ठ 23)
    • रचनाकार : अंशुमान सत्यकेतु
    • प्रकाशन : नवारम्भ
    • संस्करण : 2018

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY