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एक बूढ़ा आदमी

ek buDha adami

अनुवाद : पीयूष दईया

सी. पी. कवाफ़ी

सी. पी. कवाफ़ी

एक बूढ़ा आदमी

सी. पी. कवाफ़ी

और अधिकसी. पी. कवाफ़ी

    कहवाघर के शोर-शराबे वाले छोर पर, सिर झुकाए

    मेज़ पर एक वृद्ध बैठा है अकेला,

    एक अख़बार उसके सामने।

    और बुढ़ौती के चुके हुए आलम में

    वह सोचता है कितना कम उन सालों

    का वह आनंद ले पाया

    जो ताक़त, हाज़िरजवाबी और ख़ूबसूरती से लबरेज़ थे।

    वह जानता है यह वयोवृद्ध हो गया है वह इसे देखता है,

    महसूस करता है

    लगता तब भी ऐसा है गोया वह जवान था अभी कल तक तो।

    इतना संक्षिप्त एक अंतराल, इतना संक्षिप्त।

    और वह सोचता है दुनियादारी के बारे में,

    इसने कैसे उसे उल्लू बनाया,

    कैसे वह हमेशा विश्वास करता था—क्या दीवानगी थी—

    उस ठग पर जिसने कहा था : 'कल। तुम्हारे पास है बहुत समय।'

    उसे याद है लगाम कसी उफ़नती धड़कनें, आनंद

    जिसका त्याग किया उसने।

    हरेक मौक़ा जो उसने खोया खिल्ली उड़ाता है उसकी ख़रदिमाग़

    चौकसी पर

    लेकिन इतना सोचना, इतना उतरना यादों में

    बूढ़े को चकरा देता है।

    उसे नींद जाती है,

    उसका माथा आराम कर रहा है कहवाघर की मेज़ पर।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 87)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : सी. पी. कवाफ़ी
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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