Font by Mehr Nastaliq Web

देखैत अछि सपना

dekhait achhi sapna

मेनका मल्लिक

अन्य

अन्य

मेनका मल्लिक

देखैत अछि सपना

मेनका मल्लिक

और अधिकमेनका मल्लिक

    सपना देखैत अछि

    उबड़-खाबड़ बाटकेँ

    समतल करबाक सपना

    भीख मँगैत नेनाक हाथमे

    पोथीक झोराक

    सपना देखैत अछि

    अमावश्याक रातिमे भगजोगनी बनि बाट देखयबाक

    मिझायल चूल्हिकेँ पजारबाक

    सपना देखैत अछि।

    सपना देखैत अछि

    छिड़िआयलकेँ समेटबाक

    टूटलकेँ जोड़बाक

    हेरायल जाइत शब्द सभकेँ गढ़बाक

    सपना देखैत अछि ओ।

    स्रोत :
    • पुस्तक : गेल्ह सब झाड़ैत अछि पाँखि (पृष्ठ 55)
    • रचनाकार : मेनका मल्लिक
    • प्रकाशन : चतुरंग प्रकाशन
    • संस्करण : 2017

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY