कायर ईश्वर

kayer ishwar

आशीष यादव

आशीष यादव

कायर ईश्वर

आशीष यादव

और अधिकआशीष यादव

    तुम्हारा ईश्वर

    इतना ही दयावान है

    तो क्यों नहीं तोड़ देता है

    ज़बरदस्ती एक नन्ही-सी जान के

    गले में डाला गया मंगलसूत्र

    जब मंदिर की चौखट से

    धर्म के ठेकेदारों द्वारा

    यह कहकर दुत्कार दिया जाता है

    मासिक धर्म में है

    अपवित्र है

    अभी प्रवेश वर्जित है

    तो क्यों नहीं

    तुम्हारा ईश्वर बोलता है कि

    नहीं यह सर्वथा अन्याय है

    मेरी माँ और उसकी कोख के साथ

    प्रेम के लिए

    सिर्फ़ एक

    कोना तलाश रहे

    दो में से

    जब लड़की को गंजा करके

    अधनंगा सारे शहर में घुमाया जाता है

    तो क्यों नहीं

    ईश्वर की तीसरी आँख खुलती

    तुम्हारा ईश्वर

    अगर इतना ही बलशाली है

    तो क्यों नहीं

    पैरों से रौंद देता है

    उन सारे दरिंदों को

    जिनकी वजह से

    लड़कियाँ रात में विचरने से डरती हैं

    मैं कहता हूँ

    तुम्हारा ईश्वर भी

    पितृसत्ता को

    स्थापित करने का प्रमुख ज़रिया है

    क्योंकि जब बात स्त्री की होती है

    तो तुम्हारे ईश्वर का पाँव सूज जाता है

    हाथ टूट जाते हैं

    ज़बान में छाले पड़ जाते हैं

    और आँख मूँद वह सो जाता है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : आशीष यादव
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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