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अच्छी स्त्री

achchhi istri

मनमोहन

अन्य

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मनमोहन

अच्छी स्त्री

मनमोहन

और अधिकमनमोहन

    यह स्त्री अच्छी है

    अपने सभी संवाद इसे याद हैं

    जिन्हें यथा समय यह ठीक-ठीक बोलती है

    सम्यक् उच्चारण के साथ बिना हकलाए

    गति और यति को साधे हुए

    ठीक-ठीक बलाघात

    सानुपातिक मुस्कान

    ज़रूरी हाव-भाव भाषा

    अपनी भूमिकाएँ छोड़

    भूले से अगर कभी अकेली हुई अपने साथ

    तो फ़ौरन डर कर लौट आई समय से

    तमाम पोशाकों को रखना

    और बदल-बदल कर पहनना ख़ूब आता है

    रंगों का समय जानती है

    अधेड़ हो चली

    नमक की मिक़दार तय करने में इससे

    कभी कोई चूक नहीं हुई

    अत्याचारों को इसने भुला दिया

    लेकिन त्वचा को नहीं

    दैनिक अत्याचारों और व्यस्तताओं में

    कभी इतनी ग़ाफ़िल नहीं हुई

    समय पर ब्रीफ़केस में हमेशा

    सभी आवश्यक चीज़ें क़रीने से

    यथास्थान रखी पाई गईं

    स्रोत :
    • रचनाकार : मनमोहन
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

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