प्रस्तुत उपन्यास सुनारी नामक एक गांव को केंद्र में रखकर एक ग्रामीण सामाजिक परिवेश को प्रस्तुत करता है। गांव के ताने-बाने में जातियों के वर्चस्व और उनके झगड़ों की परतें खोलता है,समाज में कैसे जरूरतें परस्पर संबंधों को बनाती बिगाड़ती हैं उसे समझने में उत्तर कथा की कहानी बहुत दिलचस्प लगने लगती है। मधुकर गंगाधर जी का यह उपन्यास आपको कहानी के शिल्प के साथ बांधे रखता है उपन्यास की कहानी आपको रोचकता से परिपूर्ण लगेगी।