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लेखक : केशवप्रसाद सिंह

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : कविता प्रकाशन, बीकानेर

मूल : बीकानेर, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1986

भाषा : हिंदी

पृष्ठ : 163

सहयोगी : राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति, डूंगरगढ़

सो क्या जाने पीर पराई

पुस्तक: परिचय

सो क्या जाने पीर पराई केशव प्रसाद सिंह जी का एक प्रसिद्ध उपन्यास है। जिसमें उन्होंने शैक्षिक, राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्रों की कुरीतियों और अनीतियों का चित्रण किया है। लेखक ने इस उपन्यास में बताया है कि माया में लिपटने के बाद दर्द को समझना असंभव है। दर्द वह समझ सकता है जो भोगता है , जो दर्द का भुक्तभोगी होता है , दर्द का आकांत रहा हो, यही इस पुस्तक का उद्देश्य है।

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