'प्राचीन तिब्बत' इस पुस्तक में लेखक ने तिब्बत के इतिहास के विषय के बारे में बताया है। कई मापदंडों के हिसाब से - स्मारकीय वास्तुकला, सामाजिक जटिलता, सिंचित कृषि, खनन और अंतर-क्षेत्रीय व्यापार - यह एक सभ्य व्यवस्था थी, जो तिब्बती पठार की व्यापक सभ्यता का एक अभिन्न अंग थी।"