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लेखक : रसेल एडसन

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : नीलाभ प्रकाशन, इलाहाबाद

मूल : इलाहाबाद, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1997

भाषा : हिंदी

पृष्ठ : 451

सहयोगी : भारतीय भाषा परिषद ग्रंथालय

पलटती धारा

पुस्तक: परिचय

पलटती धारा उपन्यास को चेतन-श्रृंखला में रखा जा सकता है। अश्क के उपन्यासों में निम् मध्यमवर्गीय परिवार का चित्रण जिस तरह से हुआ है उससे यह बात तो साफ दिखाई देती है कि इनके उपन्यासों के नायक ज्यादातर अपने अंतर्द्वंद्व को झेलते रहते हैं। अश्क की लेखनी इस प्रकार रही है कि इनके उपन्यासों के नायक बिल्कुल सरल, आम व्यक्ति का रूप लेकर आये हैं। कोई भी बात बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बतायी। अश्क का व्यक्ति चिंतन इनके चेतन-श्रृंखला उपन्यास लिखने के इरादे से स्पष्ट झलकता है। वे व्यक्ति को और वह भी निम्-मध्यमवर्गीय समाज के व्यक्ति को जो चारों ओर से समस्याओं से घिरा हुआ है को एक भव्य रूप देना चाहते थे।

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