पाप पुण्य प्रस्तुत पुस्तक गुलाम नबी गौहर द्वारा रचित है इस पुस्तक का अनुवाद हिंदी में पी.एन. पुष्प द्वारा किया गया है। इस उपन्यास में लेखक ने समाज हर एक स्थित को उजागर किया है जिसके माध्यम से वह बताना चाहते हैं कि समाज में अन्याय के खिलाफ़ ख़िद को कैसे खड़ा करना पड़ता है।