अन्नपूर्णानन्द रचनावली में हिन्दी के हास्य-रस सम्राट श्री अन्नपूर्णान्नद की उपलब्ध सभी कृतियों का संकलन है। इनकी कृतियों के सम्बन्ध में अनेक विद्वान लेखकों ने समय-समय पर अपने विचार प्रकट किये हैं। मगन रहु चोला' नामक पुस्तकों के में विशुद्ध और पारिमार्जित हास्य के दर्शन होते हैं।