'मृगावती' में कुतबन ने चन्द्रनगर के राजा गणपतिदेव के राजकुमार और कँचनपुर के राजा रूपमुरारी की कन्या मृगावती की प्रेमकथा का वर्णन किया है। इस कहानी के द्वारा कवि ने प्रेममार्ग के त्याग और कष्ट का निरूपण करके साधक के भगवत् प्रेम का स्वरूप दिखाया है। बीच-बीच में सूफ़ियों की शैली के बड़े सुन्दर रहस्यमय आध्यात्मिक आभास हैं।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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