डॉ. धर्मवीर भारती का रचना संसार उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को सशक्त बनाता है। यह किताब आलोचनात्मक है जिसमें लेखक ने पूर्ण रूप से अपना पक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। धर्मवीर भारती ने नारी के अंतर्मन की एक एक परत खोल कर रख दिया है। इस रचना में नारी के मन की संवेदनाओं और प्यार के नैसर्गिक सौन्दर्य का अप्रतिम चित्रण किया गया है। कनुप्रिया का प्रथम संस्करण सन 1959 में प्रकाशित हुआ था। इस रचना से धर्मवीर का कृतित्व अत्यधिक लोकप्रिय हो गया।