'छोटे कदम' आधुनिक समाज में आम हो चले चलन और पारिवारिक विघटन की कारुणिक प्रस्तुति है यह लघुकथा। रिश्तों को और विस्तृत करती है लघुकथा 'बदलाव' इसका नायक वर्तमान के कटु अनुभवों के कारण, सामाजिक संस्कारों के कारण वह कई नकारात्मक कारणों का खुलासा भी नहीं कर पाता।