भारतीय साहित्य परिषद् भारतीय भाषाओं का एक देशव्यापी संगठन है। इसकी स्थापना २७ अक्टूबर १९६६ को दिल्ली में हुई थी। उसी वर्ष इसका राष्ट्रीय अधिवेशन प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ था। सरदार जीतसिंह 'जीत' को इसके संगठन का दायित्व दिया गया था। वर्तमान में इसके अध्यक्ष त्रिभुवन नाथ शुक्ल हैं। जबकि संगठन का कार्य श्रीधर पराडकर देखते हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष के २१ प्रान्तों में इसका कार्य चल रहा है। हिन्दी कहने से आज हम जिस भाषा का अर्थ लेते हैं, सदा से हिन्दी का वही अर्थ नहीं रहा है। हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं. है, वह एक भाषा समूह भी है। मैथिली, भोजपुरी, बुंदेलखण्डी, मारवाड़ी, मेवाड़ी, हरियाणवी, अवधी, ब्रज, राजस्थानीस खड़ी बोली आदि कई भाषाएँ और बोलियाँ हिंदी के अंतर्गत ही मानी जा रही हैं।