भारतीय ईश्वरवाद प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने ईश्वरवाद की विशेषता बताई है। पारंपरिक ईश्वरवाद का तर्क है कि ईश्वर मुख्य रूप से निर्माता है और ईश्वर ही अपने से परे सभी वास्तविकताओं के अस्तित्व का स्रोत है, जिसमें अमूर्त वस्तुओं का क्षेत्र भी शामिल है। इन दो दृष्टिकोणों के बीच एक प्राथमिक बाधा अमूर्त वस्तुओं की उत्पत्ति, प्रकृति और अस्तित्व पर केंद्रित है।