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संस्करण संख्या : 001

प्रकाशन वर्ष : 1994

भाषा : हिंदी

पृष्ठ : 63

भरथरी सतक

पुस्तक: परिचय

पैली रै टैम भरथरी रै नांव सूं अेक वैरागी संत हुईया, उणां नीति, सिंणगार नैं वैराग माथै संस्कृत भासा मैं तीन सतक लिख्या, ज्यारौं संग्रै 'भर्तृहरिशतकत्रयम्' नांव सूँ करीज्यौ। उण संग्रै रौ 'भरथरी सतक' रै नांव स्यूं डाॅ• वेंकट शर्मा नैं उथळै करयौ है।

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