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लेखक : ऋषभचरण जैन

संपादक : श्री दुलारेलाल

संस्करण संख्या : 002

प्रकाशक : गंगा ग्रंथागार, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1943

भाषा : हिंदी

पृष्ठ : 141

सहयोगी : सरदार शहर पब्लिक लाइब्रेरी

भाई

पुस्तक: परिचय

श्री ऋषभचरण जैन जी का यह उपन्यास भाईयों के रिश्तों में समाजिक महत्तव और व्यवहार को दर्शाता है उपन्यास की कहानी अंग्रजी शासन के समय में यात्रा करती होती है तो आप उपन्यास को पढ़ते समय उस समय की सामाजिक व्यवस्थाओं से भी परिचित होते हैं।

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