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लेखक : डा. श्यामा वर्मा

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल

प्रकाशन वर्ष : 1971

भाषा : हिंदी

श्रेणियाँ : जीवनी

पृष्ठ : 303

सहयोगी : सरदार शहर पब्लिक लाइब्रेरी

आचार्य राजशेखर

पुस्तक: परिचय

राजशेखर (विक्रमाब्द 930- 977 तक) काव्यशास्त्र के पण्डित थे। वे प्रतिहार नरेश महेन्द्रपाल प्रथम एवं उनके बेटे महिपाल के गुरू एवं मंत्री थे। उनके पूर्वज भी प्रख्यात पण्डित एवं साहित्यमनीषी रहे थे। काव्यमीमांसा उनकी प्रसिद्ध रचना है। समूचे संस्कृत साहित्य में कुन्तक और राजशेखर ये दो ऐसे आचार्य हैं जो परंपरागत संस्कृत पंडितों के मानस में उतने महत्त्वपूर्ण नहीं हैं जितने रसवादी या अलंकारवादी अथवा ध्वनिवादी हैं। राजशेखर लीक से हट कर अपनी बात कहते हैं।

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