अपूर्व अनुभव
सभागार में शिविर लगने के दो दिन बाद तोत्तो-चान के लिए एक बड़ा साहस करने का दिन आया। इस दिन उसे यासुकी-चान से मिलना था। इस भेद का पता न तो तोत्तो-चान के माता-पिता को था, न ही यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता था।
तोमोए में हरेक बच्चा बाग़ के एक-एकपेड़