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रुद्रट

रुद्रट की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 1

समाहित चित्त में, जिसका उन्मेष होने पर प्रसन्न पदावली में अभिधेय अर्थ का अनेक प्रकार से प्रस्फुरण होता है, वही शक्ति अथवा प्रतिभा है।

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