जो देश के लिए लड़े
मई बीत चला था, मगर स्त्रेलत्सोव परिवार में सभी कुछ पहले जैसे ही चल रहा था। ओलगा और निकोलाई के दांपत्य जीवन में कोई तार टूट गया था। उनके संबंधों में कोई अदृश्य दरार पड़ गई थी।
घर में नन्हा कोत्या भी था। बड़ों जैसी सूझ-बूझ से वह माँ-बाप के बीच पैदा