पश्चिम बंगाल के रचनाकार

कुल: 26

समादृत बहुविद कवि-साहित्यकार-चित्रकार-दार्शनिक और समाज-सुधारक। राष्ट्रीय गान के रचयिता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

आरंभिक दौर के चार प्रमुख गद्यकारों में से एक। खड़ी बोली गद्य की आरंभिक कृतियों में से एक ‘प्रेमसागर’ के लिए उल्लेखनीय।

बांग्ला के समादृत कवि और समालोचक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

बांग्ला के समादृत कवि। 'पदातिक कवि' के रूप में लोकप्रिय। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत भारतीय-बांग्ला कवि-लेखक और इतिहासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित बांग्ला कवि।

बांग्ला के समादृत और लोकप्रिय कवि-उपन्यासकार-निबंधकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

राजस्थानी भाषा के अत्यंत समादृत साहित्यकार। महाकवि के रूप में सम्मानित। हिंदी में भी अपने प्रचुर लेखन की वजह से सुपरिचित और उल्लेखनीय।

बांग्ला भाषा के सुप्रतिष्ठित कवि सह संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार और कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

बांग्ला के समादृत कवि-साहित्यकार और शिक्षाविद। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

बांग्ला के सुपरिचित कवि-लेखक और उपन्यासकार। ‘कृत्तिबास’ पत्रिका से संबद्धता और ‘भूखी पीढ़ी’ के समर्थन के लिए उल्लेखनीय।

सबुज कविता के अग्रणी कवि-निबंधकार। ओड़िया के साथ ही बांग्ला में भी लेखन।

समादृत और लोकप्रिय बांग्ला कवि। हस्तक्षेप और प्रतिरोध के स्वर के लिए उल्लेखनीय।

बांग्ला कवि-निबंधकार-समालोचक।

शिक्षाविद और राजनेता। बांग्ला भाषा के कवि-लेखक के रूप में भी योगदान।

समादृत बांग्ला कवि-लेखक-अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

बांग्ला में कविता, कहानी, उपन्यास, प्रहसन आदि विभिन्न विधाओं में विपुल लेखन के लिए उल्लेखनीय।

समादृत बांग्ला कवि-लेखक-फ़िल्मकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

'भूखी पीढ़ी' और अधुनांतिक बांग्ला कविता से संबद्ध प्रमुख कवि-लेखक-चिंतक।

बांग्ला कवि-समालोचक। ‘पुर्बाशा’ पत्रिका के संस्थापक-संपादक।

असमय दिवंगत हुए प्रतिभाशाली नवोदित बांग्ला कवि।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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