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तालाब में डूबी छह लड़कियाँ

talab mein Dubi chhah laDkiyan

विष्णु नागर

अन्य

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विष्णु नागर

तालाब में डूबी छह लड़कियाँ

विष्णु नागर

और अधिकविष्णु नागर

    तालाब में डूबी छह लड़कियाँ

    जवान थीं जवान

    उनके भरे हुए स्तन थे

    उनके शरीर को छूते करंट दौड़ जाता था

    वे गोलमटोल जादू की पुतलियाँ थीं

    उन्हें मरे दो बरस हो जाएँगे

    पाँच और आठ और साठ बरस हो जाएँगे

    भरी-पूरी जवान लड़कियों की मौत की

    एक शताब्दी बीत जाएगी

    ये लड़कियाँ ऐसे ही नहीं बीतने देंगे यह शताब्दी

    कल ही किसी के सपने में नंगी होकर आएँगी

    किसी के हाथ में दे देंगी अपना हाथ

    किसी की तरफ आँखें उठाकर भी नहीं देखेंगी

    छह लड़कियाँ छह हजार होकर आएँगी

    और तालाब में डूबते-डूबते नाक में दम कर देंगी

    छह लड़कियाँ चिड़िया बनकर आएँगी

    हरदम तिनके गिराती रहेंगी

    छह लड़कियों के मरने से कोई यह समझे

    कि उन्हें इतनी जल्दी जीत लिया गया है!

    स्रोत :
    • रचनाकार : विष्णु नागर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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