स्त्री के जीवन में कुंकुम और आलते का महत्त्व

istri ke jiwan mein kunkum aur aalte ka mahattw

अम्बर पांडेय

अम्बर पांडेय

स्त्री के जीवन में कुंकुम और आलते का महत्त्व

अम्बर पांडेय

और अधिकअम्बर पांडेय

    कालीघाट के

    कारख़ाने का कुंकुम ही भरतीं, जटा-जटा

    हो चुके केशों का वेगवती हुगली में

    प्रक्षालन कर

    ऐसा कुंकुम जिसमें नए धान की सुगंध होती

    जिसे देखकर रक्त का यों भ्रम होता

    कि जीर्णज्वर से जर्जर

    मृतप्रायः में भी जीवट जुगजुगाने लगता

    यह स्त्री की ज्योति है

    पूर्णिमा की भाँति निर्विवाद है

    सुंदर होने की इच्छा से सुंदर

    संसार में कुछ भी नहीं

    स्रोत :
    • रचनाकार : अम्बर पांडेय
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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