बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

नवगीत का सूरज डूब गया!

 

माहेश्वर तिवारी [1939-2024]—एक भरा-पूरा नवगीत नेपथ्य में चला गया—अपनी कभी न ख़त्म होने वाली गूँज छोड़कर। एक किरन अकेली पर्वत पार चली गई। एक उनका होना, सचमुच क्या-क्या नहीं था! उन्हें रेत के स्वप्न आते

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16 अप्रैल 2024

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तुषार धवल

सुपरिचित कवि-अनुवादक। चित्रकला, फ़ोटोग्राफ़ी और अभिनय से भी जुड़ाव।

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