एलिस मुनरो की कहानी से
मेरी माँ मेरे लिए एक पोशाक बना रही थी। पूरे नवंबर के महीने में जब मैं स्कूल से आती तो माँ को रसोईघर में ही पाती। वह कटे हुए लाल मख़मली कपड़ों और टिश्यू पेपर डिज़ाइन की कतरनों के बीच घिरी हुई नज़र आत
शांतिनिकेतन में हुआ ‘कैंपस कविता’ का अनूठा आयोजन
विश्व-भारती, शांतिनिकेतन के हिंदी भवन में गई 6 मई को ‘कैंपस कविता’ का अप्रतिम आयोजन संपन्न हुआ। यह आयोजन हिंदी-विभाग और रेख़्ता समूह के उपक्रम ‘हिन्दवी’ के संयुक्त तत्त्वावधान में हुआ। कविता-विरोध
'हिन्दवी' की नई प्रस्तुति : साहित्य और संस्कृति की घड़ी—‘बेला’
‘हिन्दवी’ इस तरह की कोशिशों में यक़ीन करती आई है कि वह हो चुके को ख़ूबसूरत ढंग से सहेज ले। लेकिन इसके साथ-साथ हमारी मंशा यह भी रही है कि हम हो रहे को भी दर्ज करें। इस सिलसिले में हमने अपनी शुरुआत में ह