सिने लेखन

विश्व सिनेमा के विकास और विस्तार के साथ कला-विमर्श और समीक्षा के एक अंग के रूप में सिनेमा पर केंद्रित लेखन की एक आधुनिक परंपरा आगे बढ़ी है। इसमें साहित्यकारों, कला-समीक्षकों के साथ ही सिनेमा से जुड़े निर्देशकों, पटकथाकारों आदि ने योगदान किया है। मौलिक लेखन के साथ ही हिंदी में ऐसे बहुत से लेखों की आमद अनूदित साहित्य के रूप में भी हुई है। एक प्रमुख कला-माध्यम के रूप में सिनेमा की उपस्थिति से अभिभूत हिंदी लेखकों ने इस विधा में मन से लेखन किया है।

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