कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

चरनदास की शिष्या। प्रगाढ़ गुरुभक्ति, संसार से पूर्ण वैराग्य, नाम जप और सगुण-निर्गुण ब्रह्म में अभेद भाव-पदों की मुख्य विषय-वस्तु।

रामानंद के बारह शिष्यों में से एक। जाति-प्रथा के विरोधी। सैन समुदाय के आराध्य।

रीतिकाल के निर्गुण संतकवि। संत बुल्ला के शिष्य और 'सतनामी संप्रदाय' के संस्थापक।

संत कबीर के औरस पुत्र और शिष्य।

श्री रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणी में प्रखर तेज। महती साधना, अनुभूति की स्वच्छता और भावों की सहज गरिमा के संत कवि।

शिवनारायणी संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणियों में स्वावलंबन और स्वानुभूति पर विशेष ज़ोर। भोजपुरी भाषा का सरस प्रयोग।

महाराष्ट्र के संत कवि। भक्ति के अभंग पदों के लिए प्रसिद्ध।

वज्रयानी सिद्ध। हिंदी के प्रथम कवि। सरह, सरहपाद, शरहस्तपाद, सरोजवज्र जैसे नामों से भी चर्चित।

भारतेंदु युग के कवि। ब्रजभाषा काव्य-परंपरा के अंतिम कवियों में से एक।

ब्रजभाषा के भक्त कवि। टट्टी संप्रदाय से संबद्ध।

मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।

रीतिकालीन कवि। काव्य-कला में निपुण। छंदशास्त्र के विशद निरूपण के लिए स्मरणीय।

भक्त कवि नागरीदास की बहन। चलती हुई सरल भाषा में भक्ति और वीर काव्य की रचयिता।

ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय अष्टछाप कवि। वात्सल्य रस के सम्राट।

भक्तिकालीन संत। कृष्णदास पयहारी के शिष्य और नाभादास के गुरु। रसिक संप्रदाय के संस्थापक। शृंगार और दास्यभाव की रचनाओं के लिए स्मरणीय।

कृष्णोपासक कवि। चतुष् ध्रुपद-शैली के रचयिता और तानसेन के संगीत गुरु। सखी संप्रदाय के प्रवर्तक।

अपभ्रंश भाषा के 'वाल्मीकि'। रामकाव्य 'पउमचरिउ' से चर्चित।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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