उत्तराखंड के रचनाकार

कुल: 40

समादृत कवि-गद्यकार और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

छायावाद के आधार स्तंभों में से एक। 'प्रकृति के सुकुमार' कवि। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित उपन्यासकार, कहानीकार और निबंधकार। उपन्यासों में मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद के प्रयोग लिए उल्लेखनीय।

नवें दशक में उभरे कवि-गद्यकार। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

आधुनिक पंजाबी-काव्य के प्रमुख कवि। द्विवेदी युग के श्रेष्ठ निबंधकार। 'मज़दूरी और प्रेम' निबंध के लिए उल्लेखनीय।

समादृत कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय कवि-गीतकार। पटकथा और विज्ञापन-लेखन के लिए भी मशहूर।

सुपरिचित कहानीकार-पत्रकार। दो कहानी-संग्रह प्रकाशित। 'पिंटी का साबुन' कहानी के लिए चर्चित।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘चौथा सप्तक’ के कवि। चित्रकला में भी सक्रिय रहे।

नई पीढ़ी के चर्चित कवि-लेखक।

‘अकविता’ आंदोलन से संबद्ध रहे हिंदी के समादृत कवि-कथाकार।

सुपरिचित कवि-लेखक। पत्रकारिता से संबद्ध।

सुपरिचित कवि-लेखक। तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित समाजशास्त्री और कवि। ‘इत्यादि जन’ शीर्षक एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी की कवयित्री। पर्वतीय लोक-संवेदना और स्त्रीवादी सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

हिंदी के सुपरिचित कवि-कथाकार।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

समादृत कथाकार। 'कोसी का घटवार' कहानी के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। 'उदास बखतों का रमोलिया' शीर्षक एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित कवि। 'मेरे आसान झूठ' चर्चित कविता-संग्रह। प्रबंधन विषय के प्राध्यापक।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

सुपरिचित कवयित्री। 'मिट्टी का दु:ख' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। 'नई दिल्ली दो सौ बत्तीस किलोमीटर' चर्चित कविता-संग्रह।

सुपरिचित कवयित्री। 'खाँटी ही भली' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी की लेखिका। दो कविता-संग्रह ‘शहर और शिकायतें’ (2017), ‘दो ध्रुवों के बीच’ (2023) और एक कहानी-संग्रह ‘ठहरे हुए से लोग’ (2022) प्रकाशित।

सुपरिचित कवि।

सुपरिचित कवयित्री। 'मन को ठौर' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

‘कर्मनाशा’ कविता-संग्रह के कवि। बतौर अनुवादक भी उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि-लेखक और संपादक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

छायावाद युग की कवयित्री। पद्य, गद्य-काव्य और कथा विधा में दर्जनाधिक कृतियों का सृजन।

सुपरिचित कवि-आलोचक। व्यंग्य-आलोचना में योगदान के लिए उल्लेखनीय।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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