बनारस के रचनाकार

कुल: 18

मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।

सेवक

1815 - 1881

रीतिकालीन अलक्षित कवि।

प्राचीन काव्य के ख्यातिप्राप्त टीकाकार और अलक्षित कवि।

रामानंद के बारह शिष्यों में से एक। जाति-प्रथा के विरोधी। सैन समुदाय के आराध्य।

सुपरिचित कवि-आलोचक। ‘साखी’ पत्रिका के संपादक।

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