उत्तर प्रदेश के रचनाकार

कुल: 143

नवें दशक के प्रमुख कवि। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार। महाप्राण नाम से विख्यात।

छायावाद के आधार स्तंभों में से एक। 'प्रकृति के सुकुमार' कवि। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। ‘सूफ़ीनामा’ से संबद्ध।

मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।

सुप्रसिद्ध कवयित्री। 'झाँसी की रानी' कविता के लिए स्मरणीय।

विवेक और विचार से संपन्न हिंदी के दुर्लभ कवि-गद्यकार।

समादृत कवि। पाठ्यक्रम से संबद्ध कविताओं के लिए लोकप्रिय।

हिंदी की समादृत कवयित्री। प्रसिद्ध साहित्यकार अजित कुमार की जीवन-संगिनी।

द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।

सेवक

1815 - 1881

रीतिकालीन अलक्षित कवि।

भारतेंदु युग के कवि। ब्रजभाषा काव्य-परंपरा के अंतिम कवियों में से एक।

प्राचीन काव्य के ख्यातिप्राप्त टीकाकार और अलक्षित कवि।

हिंदी-अँग्रेज़ी दोनों में लिखने वाले सुपरिचित कवि, अनुवादक, संपादक और प्रकाशक।

सुपरिचित कवि। ‘अनहद’ के संपादक और जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।

नई पीढ़ी के हिंदी कवि-ग़ज़लकार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

शिवनारायणी संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणियों में स्वावलंबन और स्वानुभूति पर विशेष ज़ोर। भोजपुरी भाषा का सरस प्रयोग।

'राधास्वामी सत्संग' के प्रवर्तक। सरस और हृदयग्राह्य वाणियों के लिए प्रसिद्ध।

सुपरिचित कवि-आलोचक। ‘साखी’ पत्रिका के संपादक।

सुपरिचित कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

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