उत्तर प्रदेश के रचनाकार

कुल: 518

विनोदिनी, प्रेरणा, पत्रदूतम् आदि कृतियों के रचनाकार।

नई पीढ़ी की सुपरिचित कवयित्री।

नई पीढ़ी के कवि। असमय दिवंगत। एक कविता-संग्रह 'उम्मीद अब भी बाक़ी है' शीर्षक से मरणोपरांत प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। जन संस्कृति मंच से संबद्ध।

नई पीढ़ी के कवि। लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।

भक्तिकाल से संबद्ध ब्रजभाषा की कवयित्री। नीति-काव्य के लिए उल्लेखनीय।

रसलीन

1689 - 1750

रीतिबद्ध कवि। दोहों में चमत्कार और उक्ति-वैचित्र्य के लिए स्मरणीय।

रसखान

1548 - 1628

कृष्ण-भक्त कवि। भावों की सरस अभिव्यक्ति के लिए ‘रस की खान’ कहे गए। सवैयों के लिए स्मरणीय।

रीतिकाल के सरस-सहृदय आचार्य कवि। कविता की विषयवस्तु भक्ति और रीति। रीतिग्रंथ परंपरा में काव्य-दोषों के वर्णन के लिए समादृत नाम।

सुपरिचित लेखिका।

समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

'राम सतसई' के रचयिता। शृंगार की सरस उद्भावना और वाक् चातुर्य के कवि।

छायावादी कवि और गद्यकार। ग्रामगीतों के संकलन के लिए स्मरणीय।

समादृत कवि, एकांकीकार और आलोचक। पद्मभूषण से सम्मानित।

सुपरिचित कवि और कथाकार।

सुपरिचित कवि-गद्यकार। सिने-आलोचना से भी संबद्ध।

भक्त, कथावाचक और मानस-व्याख्याकार के रूप में प्रसिद्ध रीतिकालीन कवि। 'कवित्त रामायण' के रचनाकार।

छायावादी कवि और गद्यकार।

सातवें दशक के प्रमुख कथाकार। 'कथन' के संस्थापक-संपादक।

सुपरिचित कवि। 'हथेलियों का पुल' चर्चित कविता-संग्रह।

नई पीढ़ी के कवि, लेखक और इतिहासकार।

अत्यंत प्रसिद्ध गीतकार।

नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापक सदस्य और सभापति। भारतेंदु युग में साहित्यिक योगदान के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कथाकार। ‘बंदूक़ एवं अन्य कहानियाँ’ शीर्षक से एक कहानी-संग्रह और ‘डूबता है एक सितारा और’ शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित कवि।

नई पीढ़ी के कवि-कहानीकार और शोधार्थी। तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

आठवें-नवें दशक की हिंदी कविता का सुपरिचित नाम। अब दृश्य से ओझल। भीतर के ख़ालीपन से त्रस्त होकर आत्महत्या की।

‘नई कहानी’ आंदोलन के प्रमुख कहानीकार-उपन्यासकार। ‘हंस’ पत्रिका के संपादक के रूप में चर्चित। लेखन के शुरुआती दौर में एक कविता-संग्रह 'आवाज़ तेरी है' शीर्षक से प्रकाशित।

सुपरिचित कवि-पत्रकार।

आरंभिक हिंदी गद्य के उन्नायक। नागरी लिपि के प्रयोग हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए उल्लेखनीय।

प्रसादयुगीन महत्त्वपूर्ण कवि-गद्यकार-संपादक और कला-इतिहासकार। भारतीय कला आंदोलन में योगदान और गद्य-गीत के प्रणयन के लिए उल्लेखनीय।

रैदास

1398 - 1518

भक्ति की ज्ञानमार्गी एवं प्रेममार्गी शाख़ाओं के मध्य सेतु। मीरा के गुरु।

रहीम

1556 - 1627

भक्तिकाल के प्रमुख कवि। व्यावहारिक और सरल ब्रजभाषा के प्रयोग के ज़रिए काव्य में भक्ति, नीति, प्रेम और शृंगार के संगम के लिए स्मरणीय।

समादृत कवि-कथाकार और पटकथा-लेखक। ‘आधा गाँव’ और ‘टोपी शुक्ला’ सरीखे उपन्यासों के लिए स्मरणीय।

नई पीढ़ी के कवि-गीतकार। पत्रकारिता से संबद्ध।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और अनुवादक। अपनी पत्रकारिता और कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

पारसी रंगमंच शैली के लोकप्रिय हिंदी नाटककार। ‘राधेश्याम रामायण’ कृति के लिए उल्लेखनीय।

सुप्रसिद्ध काव्य-आलोचक और साहित्य-इतिहासकार। व्यास सम्मान से सम्मानित।

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